बौद्धिक सम्पदा एवं मानवाधिकार प्रकोष्ठ की स्थापनावर्ष 2007-08 में सेन्टर फाॅर गुड गवर्नेन्स के अन्तर्गत की गई है।बौद्धिक सम्पदा, जनसाधारण को दिया गया वह अधिकार है, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति, संस्था, विभाग अपने द्वारा विकसित किसी भी तरह के ज्ञान, उत्पादन, आकृति अर्थात ऐसा कुछ जो समाज व आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हो को सुरक्षित कर सकें और कोई उसकी नकल न कर सके।उल्लेखनीय है कि, मूर्त भौतिक सम्पदा जैसे भूमि, जल, श्रम इत्यादि से अधिक महत्वपूर्ण अमूर्त सम्पदा जैसे ज्ञान, सूचना, शोध, नवीन निर्माण शोध इत्यादि बौद्धिक सम्पदा हैं, जिसकी सुरक्षा आवश्यक है।उपरोक्त उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए सेन्टर फाॅर गुड गवर्नेन्स के अन्तर्गत ‘बौद्धिक सम्पदा एवं मानवाधिकार प्रकोष्ठ’ का गठन किया गया है।इस प्रकोष्ठ द्वारा बौद्धिक सम्पदा अधिकार एवं सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 तथा साक्षर भारत तथा सेवा का अधिकार से संबंधित सेमीनार, कार्यशालाएँ व प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।